जबसे LEDs का आविस्कार हुआ है तब से इसके technology में बहुत बदलाव देखने को मिला है और इसके बहुत variety भी पाया जा रहा है, जिसमें की इनके अलग अलग properties होते हैं और application होते हैं.
1. Traditional inorganic LEDs: ये type of LED मुख्यतः diode का traditional form होता है जो की 1960s से available भी. इन्हें inorganic materials के इस्तमाल से manufacture किया जाता है. यहाँ जो सबसे ज्यादा इस्तमाल में आने वाले compound semiconductors हैं वो हैं Aluminium gallium arsenide, Gallium arsenide phosphide, इत्यादि.
यहाँ इन LEDs का colour depend करता है की किन materials का इस्तमाल हो रहा है.
इन inorganic LED के कई category होते हैं और ये बहुत से style में आता है :
Single colour 5 mm, etc – ये traditional LED package होता है
Surface mount LEDs
Bi-colour और multicolor LEDs – इन types of LEDs में बहुत से individual LEDs को एक साथ रखा जाता है और उन्हें turn on किया जाता है अलग voltages के माध्यम से.
Flashing LEDs – जिसमें की छोटे time integrated किया गया होता है इनके package में
Alphanumeric LED displays
2. High brightness LEDs: ये भी inorganic LED का एक type होता है जिन्हें की lighting applications के लिए इस्तमाल किया जाता है. ये भी basic inorganic LED के समान होता है लेकिन इसमें greater light output होती है. Higher light output पैदा करने के लिए इन LEDs को ज्यादा higher current levels और power dissipation का सहन करना पड़ता है. इन्हें heatsink के ऊपर mount किया जाता है जिससे की unwanted heat को बहार निकाला जा सके. इन lights का इस्तमाल traditional lights के जगह में होता है.
3. Organic LEDs: Organic LEDs basic light emitting diode का थोडा advanced version होता है. इन LEDs में organic materials का इस्तमाल होता है जैसे की इसके नाम से पता चलता है. Organic type of LED display based होते हैं organic materials के ऊपर जिन्हें की sheets के मदद से manufacture किया जाता है और जो एक diffuse area of light प्रदान करती है. यहाँ Typically एक बहुत ही पतली organic material की film को print किया जाता है substrate में जो की glass से बना होता है. फिर एक semiconductor circuit का इस्तमाल किया जाता है जिससे की electrical charges को imprinted pixels तक लाया जा सके, जो की इसे Glow करने में मदद करते हैं.
ऐसे ही धीरे धीरे LED Technology को improve किया जा रहा है जिससे की इनकी efficiency level को बढाया जा सके और इन्हें और ज्यादा इस्तमाल में लाया जा सके.
Applications of LEDs :
Indicator lights:
इन्हें Indicator lights में इस्तमाल किया जाता है. जो की two-state (i.e., on/off) में इस्तमाल किया जाता है, bar-graph, और alphabetic-numeric readouts.
LCD panel backlighting:
यहाँ Specialized white LEDs का इस्तमाल flat-panel computer displays में किया जाता है.
Fiber optic data transmission:
इनके द्वारा Modulation करने में आसानी होती है जो की allow करता है wide communications bandwidth करने में वो भी minimal noise के साथ जिससे की high-speed और accuracy प्राप्त होती है.
Remote control:
इसका इस्तमाल घरों में “remotes” में होता है.
Optoisolator:
इनका इस्तमाल Optoisolator में होता है जहाँ की दो Stages को connect करने में आसानी होती है बिना किसी unwanted interaction के.
मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को एलईडी क्या है (LED in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को LED (Light Emitting Diode) क्या है के बारे में समझ आ गया होगा. मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.
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